कंप्यूटर व्यवस्था
तो दोस्तो आज की पोस्ट में हम आप के लिए एक नए टॉपिक को लेकर आए हैं, इस टॉपिक में आज हम जानेंगे की ( कंप्यूटर व्यवस्था ) क्या होती है। अगर जानना चाहते हैं की कंप्यूटर व्यवस्था क्या होती है तो आप इस आर्टिकल को पूरा पढ़े। पूरा आर्टिकल पढ़ लेने के बाद आपको और कोई आर्टिकल पढ़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि इस आर्टिकल में आपको सबसे आसान और समझ में आने वाली कंटेंट ले कर आया हु तो चलिए शुरू करते हैं, बिना आपका टाइम खराब करें ।
तो दोस्तो जैसा की आप सभी लोग जानते हैं, की जब हम कम्प्यूटर का नाम लेते हैं, तो हमारे जहन में या सामने एक ऐसी मशीन की छवि उभरती है मतलब एक ऐसे तसवीर आती है जिसमे एक टीवी जैसा स्क्रीन, टाइपराइटर के जैसा एक कीबोर्ड तथा एक बॉक्स आपस में एक केबल द्वारा जुड़े होते हैं इस मशीन को हम एक कंप्यूटर सिस्टम समझ लेते हैं ( जो की अनेक कार्य कर सकता है ) लेकिन ये मशीन आत्मनिर्भर कार्य करने में समर्थ है मतलब ये कोई भी कार्य अपने मन से नहीं कर सकते हैं, एक कंप्यूटर सिस्टम तभी कार्य कर सकता है और तभी अपने सारे उदेस्यो को पूरा कर जब उसके सभी अंग उपस्थित हो और आपस में मिलकर काम करें। एक कंप्यूटर सिस्टम में कुल पांच अंग होते हैं। अगर इनमें से कोई एक भी अंग नहीं है या खराब हो गया हो तो ये काम करना बंद कर देगा।
हार्डिस्क में कितने mb का डेटा स्टोर होता है
और वो पांच अंग के नाम ये हैं
1. हार्डवेयर ( Hardware )
2. सॉफ्टवेयर ( Software ) up
3. डेटा ( Deta)
4. व्यक्ति ( people)
5. तरीके तथा गाइडलाइंस ( Procedures & Guidelines )
कंप्यूटर के इन सभी अंग में कोन कोन सी युक्तियां होती है आप इस नीचे दी गई इमेज में देख सकते और इसको डाउनलोड भी कर सकते हैं।
हार्डवेयर ( Hardware )
एक कंप्यूटर सिस्टम के मशीनरी भाग को ’हार्डवेयर’ शब्द से संबोधित किया जाता हैं। कंप्यूटर सिस्टम के निर्माण में अनेक युक्तियों का प्रयोग किया जाता है, जैसे – इलेक्ट्रॉनिक सर्किट, की – बोर्ड, माइक्रोप्रोसेसर चिप, कंप्यूटर स्क्रीन, कम्युनिकेशन वायर केबल, प्लग, स्विच–बोर्ड , कूलिंग फैन इत्यादि। ये सभी युक्तियां आपस में सही से मिलकर एक कंप्यूटर का निर्माण करती हैं। कंप्यूटर का प्रत्येक भाग या पार्ट हार्डवेयर ही कहलाता है, जैसे – कंप्यूटर में लगाने वाली फ्लॉपी या सीडी, कंप्यूटर से जुड़ा प्रिंटर या स्कैनर, की बोर्ड, मॉनिटर इत्यादि ये सभी हार्डवेयर है।
सॉफ्टवेयर ( Softwate )
सॉफ्टवेयर शब्द से उन निर्देशों अथवा निर्देशों के समूह को संबोधित किया जाता है, जिनके द्वारा हार्डवेयर को संचालित तथा नियंत्रण किया जाता है अर्थात उससे कार्य कराया जाता है। बिना सॉफ्टवेयर के कंप्यूटर कोई भी कार्य नहीं कर सकता है, क्योंकि सॉफ्टवेयर ही उसे बताते हैं की कोन सा कार्य कैसे करना है।
इसी लिए सॉफ्टवेयर कंप्यूटर सिस्टम का एक महत्वपूर्ण अंग है। कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के बिना ऐसा ही है जैसे मस्तिक के बिना मनुष्य इसीलिए सॉफ्टवेयर को कंप्यूटर का मस्तक भी कहा जाता है
डेटा ( Deta )
Computer को दी गई किसी भी प्रकार की जानकारी डेटा कहलाती है। कंप्यूटर को जो जानकारी दी जाती है वो गलत भी हो सकती है और सही भी हो सकती है, कंप्यूटर को किसी भी प्रकार के तथ्य आंकड़े , जानकारी अथवा सूचनाएं सब डेटा ही है। जैसे मान लीजिए आपका नाम आपका पता आपके पूरे परिवार का नाम आप क्या करते हो और आप क्या हो इत्यादि ये सभी आपके लिए आपकी डेटा है। और मान लीजिए आप कही पर अकाउंट खुलवा रहे है तो उसमे आप का नाम पता , खाते की जानकारी आदी उसी बैंक अकाउंट का डेटा है ।
डेटा के कई प्रकार हो सकते है। जैसे – संक्याकी डेटा , शब्दिक डेटा, संख्याकी–शाब्दिक डेटा , चित्र, वीडियो, ध्वनि / आवाज , ये सभी एक डेटा ही हैं ।
व्यक्ति ( People )
Computer सिस्टम के साथ कुछ ऐसे व्यक्ति जुड़े होते है। जिनके बगैर कंप्यूटर सिस्टम भी कार्य करने में समर्थ है ।
जैसे –
( यूजर ) कंप्यूटर सिस्टम के सबसे नजदीक से जुड़ा व्यक्ति उसका प्रयोगकर्ता, जिसे यूजर कहा जाता है, प्रयोगकर्ता वह व्यक्ति है जो कंप्यूटर से कार्य करता है, अगर आप भी कंप्यूटर चलते हैं तो आप भी कंप्यूटर से काम करते है।
( कंप्यूटर ऑपरेटर ) इस व्यक्ति को कहते है। जो की कंप्यूटर को संचालित करता है अर्थात चलता है इस प्रकार प्रयोगकर्त भी एक कंप्यूटर ऑपरेटर हुआ।
( कंप्यूटर प्रोग्राम ) कंप्यूटर प्रोग्राम अर्थात निर्देश को लिखने वाला व्यक्ति प्रोग्रामर कहलाता है। जिसका पालन करके समस्या का समाधान प्राप्त किया जा सके।
( हार्डवेयर इंजिनियर ) हार्डवेयर इंजिनियर उसे कहते है जो कंप्यूटर में हार्डवेयर का सुधार , हार्डवेयर जा निर्माण ये सभी हार्डवेयर इंजिनियर का काम है।
( सॉफ्टवेयर इंजिनियर ) जो कंप्यूटर सॉफ्टवेयर का निर्माण , विकास, सुधार , समस्यायों का समाधान इत्यादि ये सभी कार्य सॉफ्टवेयर इंजीनियर का काम है।
हार्डिस्क में कितने mb का डेटा स्टोर होता है
तरीके तथा गाइड लाइन ( Procedures & Guidelines )
किसी भी मशीन को चलाने के से पहले आपको पता होना चाहिए की कोन सा पार्ट कोन सा काम करता है, उनसे कार्य करवाने की क्या विधि है तथा क्या तारिका है तथा आपको मशीन की अन्य बातो की जानकारी होनी चाहिए। इसी तरह कंप्यूटर सिस्टम में भी ये सारी चीजे लागू होती हैं , कंप्यूटर पर कार्य कर रहे व्यक्ति के पास कंप्यूटर की जानकारी होनी चाहिए तभी वह सही तरीके से कंप्यूटर पर काम कर पाएगा और कंप्यूटर से अपना काम जल्दी से करवा भी पाएगा। जैसे – कंप्यूटर कैसे काम करता है, उसकी कोन सी युक्ति कोन सा काम करती है, जिस समस्या पर वो काम कर रहें है उसे किस प्रकार सही करना हैं, इत्यादि ये सभी जानकारी होनी चाहिए और गाइडलाइन की बात करे तो बहुत सारी होती है लेकिन इतनी जानकारी आप के लिए बहोत है। की कंप्यूटर गाइडलाइंस क्या होती है ।
तो दोस्तो आज की आर्टिकल में हमने पढ़ा की कंप्यूटर सिस्टम क्या होता है अगर आपको ये आर्टिकल अच्छा लगा तो इस अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करे तो मिलते हैं अगले आर्टिकल में किसी दूसरे टॉपिक के साथ जय हिंद दोस्तो। कमेंट जरुर करे ।
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2 टिप्पणियाँ
Nice post bro
जवाब देंहटाएंRight
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